Monthly Archives: May 2006
एक पर्वत
एक पर्वत उस पर दिशाए चार
चार दिशाओ में चार पवन
चार पवन में कई लहरें
लहरों में चढाव,लहरों में उतार
लहरों के उत्तर चढाव में रास्ते
रास्तों पर कई यादे , कई अतीत
यादो में कुछ लोग
लोगो में चेहरा
चेहरों में इंसानियत और
इंसानियत में बनावट
बनावट में बेईमानी
और उसी बेईमानी में सर्वस्व नष्ट।