एक पर्वत उस पर दिशाए चार
चार दिशाओ में चार पवन
चार पवन में कई लहरें
लहरों में चढाव,लहरों में उतार
लहरों के उत्तर चढाव में रास्ते
रास्तों पर कई यादे , कई अतीत
यादो में कुछ लोग
लोगो में चेहरा
चेहरों में इंसानियत और
इंसानियत में बनावट
बनावट में बेईमानी
और उसी बेईमानी में सर्वस्व नष्ट।