चंबल तेरे आसपास ये फैले हुए बादल,
साथ हरियाली के बिछे हुए हैं आँचल,
देखती हूँ दूर से इन आँचल में सोने के सपने,
जहां साथ हो मेरे सभी अपने,
इन हवाओं से उडते हुए पहुँचते होंगे मेरे अरमान,
बस इतना बतला देना की दोगी मुझे जगह ख़ास?
चंबल तेरे आसपास ये फैले हुए बादल,
साथ हरियाली के बिछे हुए हैं आँचल,
देखती हूँ दूर से इन आँचल में सोने के सपने,
जहां साथ हो मेरे सभी अपने,
इन हवाओं से उडते हुए पहुँचते होंगे मेरे अरमान,
बस इतना बतला देना की दोगी मुझे जगह ख़ास?